Wednesday, October 30, 2024
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Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Lyrics / थाली भर कर ल्याई रै खीचड़ौ भजन लिरिक्स

Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Lyrics

Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Lyrics एक ऐसा भजन है जो हमें भोजन के प्रति कृतज्ञता सिखाता है। यह गीत खिचड़ी को केवल एक व्यंजन नहीं, बल्कि भगवान का आशीर्वाद मानता है। इस भजन में वर्णित है कि कैसे एक सच्चे भक्त के लिए सादा भोजन भी अमृत के समान होता है। यह हमें सिखाता है कि जीवन में सादगी और संतोष का क्या महत्व है। आइए इस भजन के अर्थ को समझें और अपने जीवन में इसके सिद्धांतों को अपनाएं।

Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Lyrics / थाली भर कर ल्याई रै खीचड़ौ भजन लिरिक्स

थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ भजन लिरिक्स

थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी, जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की।
बाबो म्हारो गांव गयो है, ना जाने कद आवैलो, ऊके भरोसे बैठयो सँवारा, भूखो ही रह जावैलो।
आज जिमाऊं तैने रे खीचड़ो, काल राबड़ी छाछ की, जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की
थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी ….
बार-बार मंदिर न जुड़ती, बार-बार में खोलती, कईया कोनी जीमे रे मोहन, करडी-करडी बोलती।
तू जीमे जद मैं भी जिमूं, मानू ना लाट की, जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाटी की
थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी ….
परदो भूल गयी सांवरियो, परदो फेर लगायो जी, सा परदो की ओट बैठ के, श्याम खीचड़ौ खायो जी,
भोला-भाला भगता सूं, सांवरिया कइंया आंट की जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की
थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी ….
भक्ति हो तो करमा जैसी सावरियो घर आवेलो, भक्ति भाव से पूर्ण होकर हर्ष- गुण गावेलो।
सांचो प्रेम प्रभु से हो तो मूरत बोले काठ की, जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की, र करमा बेटी जात की
थाली भरकर ल्याई रै खीचड़ौ, ऊपर घी की बाटकी…..
जीमो म्हारो श्याम धणी, जिमावै बेटी जाट की, र करमा बेटी जात की

Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Video

अंत में, Thali Bhar Ke Layi Re Khichdo Lyrics हमें सिखाता है कि भक्ति में सादगी और समर्पण का बड़ा महत्व है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि भगवान हमारी भावनाओं को देखते हैं, न कि हमारी भेंट की कीमत को। आइए हम इस भजन से प्रेरणा लें और अपने जीवन में सच्ची भक्ति और कृतज्ञता को स्थान दें।

Khatu Shyam ji

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