Tuesday, September 17, 2024
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Mere Banke Bihari Lal Lyrics – मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो श्रृंगार भजन लिरिक्स

Mere Banke Bihari Lal Lyrics

मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो श्रृंगार भजन लिरिक्स

परिचय:

भारतीय संस्कृति और परंपरा में भगवान श्री कृष्ण के प्रति भक्ति और प्रेम की गहरी भावना रही है। ‘मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो श्रृंगार’ एक प्रसिद्ध भजन है जिसके लिरिक्स में भगवान कृष्ण के मधुर रूप और लीलाओं का वर्णन किया गया है। यह भजन हमारे मन में आध्यात्मिक शांति और आनंद की अनुभूति करवाता है।

मेरे बाँके बिहारी लाल भजन लिरिक्स

मेरे बाँके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी, नज़र तोहे लग जाएगी
मेरे बाँके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी
तेरी सूरतिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा पीला पटका
तेरी सूरतिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा पीला पटका
तेरी टेढ़ी-मेढ़ी चाल…
तेरी टेढ़ी-मेढ़ी चाल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी
तेरी मुरलिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा नीला पटका
तेरी मुरलिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा नीला पटका
तेरे घूँघर वाले बाल…
तेरे घूँघर वाले बाल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी
तेरी कमरिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा काला पटका
तेरी कमरिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा काला पटका
तेरे गल में वैजंती माल…
तेरे गल में वैजंती माल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी
प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी
मेरे बाँके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी

‘मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो श्रृंगार’ भजन लिरिक्स का महत्व:

  1. भक्ति और प्रेम की गहरी भावना: इस भजन के लिरिक्स में भगवान कृष्ण के प्रति गहरी भक्ति और प्रेम की भावना मुखर होती है। यह हमें सिखाता है कि भगवान को पाने के लिए हमें उनके प्रति निष्ठा और समर्पण रखना चाहिए।
  2. आध्यात्मिक आनंद: जब हम इस भजन को गाते या सुनते हैं, तो हमारे मन में एक अद्भुत आनंद और शांति की अनुभूति होती है। इसके लिरिक्स हमारे भीतर की आध्यात्मिक उर्जा को जगाते हैं।
  3. कृष्ण लीला का वर्णन: इस भजन के लिरिक्स में भगवान कृष्ण के मनमोहक रूप और उनकी लीलाओं का वर्णन किया गया है। यह हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेने और उनके मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
  4. संस्कृति और परंपरा का प्रतीक: यह भजन भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है जहां भगवान के प्रति भक्ति और समर्पण की भावना को बहुत महत्व दिया जाता है।

समापन:

‘मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो श्रृंगार’ भजन के लिरिक्स में एक गहरा आध्यात्मिक संदेश निहित है। यह हमें सिखाता है कि भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण और भक्ति से ही हम उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इस भजन के माध्यम से हम अपने भीतर की शांति और आनंद को महसूस कर सकते हैं और कृष्ण भक्ति के गहरे रहस्यों को समझ सकते हैं। यह भारतीय संस्कृति और परंपरा की समृद्ध विरासत को भी दर्शाता है।

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