मंगल भवन अमंगल हारी (Mangal Bhavan Amangal Hari) : एक भक्त की भावना
जय जय जय हनुमान गारी!
भारतीय भक्ति साहित्य में “मंगल भवन अमंगल हारी” एक ऐसा गीत है जो हृदय को शांति और मन को सुकून प्रदान करता है। यह गीत गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित है और रामचरितमानस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे सुनने और गाने से मन में भक्ति की भावना जाग्रत होती है और जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं। आज हम इस अद्भुत भक्ति गीत के शब्दों और उनके महत्व पर विचार करेंगे।
“मंगल भवन अमंगल हारी” के बोल (Mangal Bhavan Amangal Hari Lyrics)
मंगल भवन अमंगल हारी।
द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी॥
सीताराम चरित अति पावन।
मधुर सरस अरु अति मन भावन॥
पुनि पुनि नीक लगहि जब सुनहि।
रामचंद्र के गुन बरनहि॥
राम लखन सीता मनोहर।
पद पंकज धरेउ धनु धारी॥
निशिचर निकंदन राम दुलारे।
कोसलपति पितु मातु प्यारे॥
रामहि भजत रहहिं अनुरागी।
सकल सुकृत फल दीन्हे भागी॥
मंगल भवन अमंगल हारी।
द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी॥
“मंगल भवन अमंगल हारी” के बोल (Mangal Bhavan Amangal Hari Lyrics) – Video
भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक
“मंगल भवन अमंगल हारी” का अर्थ है, “मंगलकारी भवन जो अमंगल को हरने वाला है।” यह गीत भगवान राम की महिमा और उनके दिव्य चरित्र का गुणगान करता है। जब हम इसे गाते या सुनते हैं, तो हमें ऐसा लगता है कि हमारे चारों ओर एक पवित्र और शांत वातावरण बन गया है।
गीत का महत्व
- मानसिक शांति और सुकून: इस गीत के मधुर शब्द और संगीत मन को शांत और आत्मा को सुकून प्रदान करते हैं।
- भक्ति का अनुभव: “मंगल भवन अमंगल हारी” गाते समय हम भगवान राम और सीता की दिव्यता का अनुभव करते हैं, जिससे हमारी भक्ति और भी गहरी हो जाती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: यह गीत जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और नकारात्मकता को दूर करता है।
गीत का प्रभाव
जब भी हम किसी कठिन परिस्थिति में होते हैं या मानसिक तनाव का सामना कर रहे होते हैं, तो “मंगल भवन अमंगल हारी” का जाप हमें शक्ति और साहस प्रदान करता है। यह हमें याद दिलाता है कि भगवान राम सदैव हमारे साथ हैं और उनकी कृपा से सभी समस्याएँ हल हो जाएंगी।
निष्कर्ष
“मंगल भवन अमंगल हारी” केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है जो हमें भगवान राम के प्रति हमारी भक्ति को और भी मजबूत बनाता है। इसे गाते हुए हमें उनके दिव्य चरित्र का स्मरण होता है और हमारे मन में शांति और आनंद की अनुभूति होती है। आइए, हम सभी इस अद्भुत भक्ति गीत को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और भगवान राम की कृपा प्राप्त करें।
आप सभी को भगवान राम की अनंत कृपा और आशीर्वाद प्राप्त हो। जय श्री राम!
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