क्या आपने कभी सोचा है कि जब साक्षात परमात्मा धरती पर अवतरित होते होंगे, तो प्रकृति कैसी प्रतिक्रिया देती होगी? Bhaye Pragat Kripala Lyrics उसी अद्भुत क्षण का चित्रण करता है। यह भजन बताता है कि कैसे देवता पुष्प वर्षा करते हैं, नदियां कलकल करती हैं, और पवन सुगंधित हो जाती है। Bhaye Pragat Kripala Lyrics के माध्यम से हम उस दिव्य क्षण के साक्षी बन जाते हैं, जब मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने इस धरा पर जन्म लिया।
Bhaye Pragat Kripala Lyrics in Hindi
भए प्रगट कृपाला भजन लिरिक्स
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौसल्या हितकारी ।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप बिचारी ॥
लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा,
निज आयुध भुजचारी ।
भूषन बनमाला, नयन बिसाला,
सोभासिंधु खरारी ॥
कह दुइ कर जोरी, अस्तुति तोरी,
केहि बिधि करूं अनंता ।
माया गुन ग्यानातीत अमाना,
वेद पुरान भनंता ॥
करुना सुख सागर, सब गुन आगर,
जेहि गावहिं श्रुति संता ।
सो मम हित लागी, जन अनुरागी,
भयउ प्रगट श्रीकंता ॥
ब्रह्मांड निकाया, निर्मित माया,
रोम रोम प्रति बेद कहै ।
मम उर सो बासी, यह उपहासी,
सुनत धीर मति थिर न रहै ॥
उपजा जब ग्याना, प्रभु मुसुकाना,
चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै ।
कहि कथा सुहाई, मातु बुझाई,
जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै ॥
माता पुनि बोली, सो मति डोली,
तजहु तात यह रूपा ।
कीजै सिसुलीला, अति प्रियसीला,
यह सुख परम अनूपा ॥
सुनि बचन सुजाना, रोदन ठाना,
होइ बालक सुरभूपा ।
यह चरित जे गावहिं, हरिपद पावहिं,
ते न परहिं भवकूपा ॥
दोहा:
बिप्र धेनु सुर संत हित,
लीन्ह मनुज अवतार ।
निज इच्छा निर्मित तनु,
माया गुन गो पार ॥
भए प्रगट कृपाला दीन दयाला रामचरितमानस श्री राम स्तुति Video
Bhaye Pragat Kripala Lyrics की यह यात्रा हमें श्री राम के साक्षात्कार तक ले जाती है। यह भजन हमारे हृदय में राम दरबार की स्थापना करता है, जहां हम उनकी दिव्य लीलाओं के साक्षी बनते हैं। अंततः, यह गीत हमें याद दिलाता है कि प्रभु राम हमारे भीतर और बाहर, हर कण में विराजमान हैं। बस हमें उन्हें देखने की दृष्टि चाहिए, जो यह भजन हमें प्रदान करता है।
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