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Aisa Damru Bajaya Bholenath Ne Lyrics | ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने Lyrics

Aisa Damru Bajaya Bholenath Ne Lyrics

“Aisa Damru Bajaya Bholenath Ne Lyrics” केवल एक भजन नहीं, बल्कि शिव तत्व का साक्षात्कार है। इसमें वर्णित है वो क्षण, जब त्रिलोकनाथ अपने डमरू को बजाते हैं और सृष्टि के कण-कण में एक नई स्फूर्ति का संचार होता है। यह भजन श्रोताओं को उस दिव्य अनुभूति से भर देता है, जहां वे स्वयं को महाकाल के सान्निध्य में पाते हैं। “Aisa Damru Bajaya Bholenath Ne Lyrics” की हर पंक्ति शिव के विराट स्वरूप का दर्शन कराती है।

Aisa Damru Bajaya Bholenath Ne Lyrics – ऐंसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने – शिव भजन

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने – भजन लिरिक्स

मैं हिमाचल की बेटी
मेरा भोला बसे काशी
सारी उमर तेरी सेवा करुँगी
सारी उमर तेरी सेवा करुँगी
बनकर तेरी दासी

शंभु
शिव शिव शिव शिव शंभु
शिव शिव शिव शिव शंभु

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया
बम-बम, बम-बम
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया
बम-बम, बम-बम
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

डमरू को सुनकर जी कान्हा जी आए
कान्हा जी आए संग राधा भी आए
बम-बम, बम-बम
डमरू को सुनकर जी कान्हा जी आए
कान्हा जी आए संग राधा भी आए
बम-बम, बम-बम
वहाँ सखियों का मन भी मगन हो गया
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

डमरू को सुनकर जी गणपति चले हैं
डमरू को सुनकर जी गणपति चले
गणपति चले संग कार्तिक चले
गणपति चले संग कार्तिक चले
महा अम्बे का मन भी मगन हो गया
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

डमरू को सुनकर जी रामा जी आए
बम-बम, बम-बम
डमरू को सुनकर जी रामा जी आए
रामा जी आए संग लक्ष्मण जी आए
मैया सिता का मन भी मगन हो गया

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
ऐंसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

डमरू को सुनकर जी ब्रम्हा चले
यहाँ ब्रम्हा चले वहाँ विष्णु चले
डमरू को सुनकर जी ब्रम्हा चले
यहाँ ब्रम्हा चले वहाँ विष्णु चले
मैया लक्ष्मी का मन भी मगन हो गया
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

डमरू को सुनकर जी गंगा चले
गंगा चले वहाँ यमुना चले
बम-बम, बम-बम
डमरू को सुनकर जी गंगा चले
गंगा चले वहाँ यमुना चले
वहाँ सरयू का मन भी मगन हो गया

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने

डमरू को सुनकर जी सूरज चले
सूरज चले वहाँ चंदा चले
बम-बम, बम-बम
डमरू को सुनकर जी सूरज चले
सूरज चले वहाँ चंदा चले
सारे तारों का मन भी मगन हो गया

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

Aisa Damru Bajaya Bholenath Ne Lyrics Video

Aisa Damru Bajaya Bholenath Ne Lyrics का श्रवण करते-करते हम पाते हैं कि हमारे भीतर भी एक डमरू बज उठा है। यह वही डमरू है जो हमारी चेतना को जगाता है, हमारे अहंकार को भस्म करता है, और हमें शुद्ध शिवत्व की ओर ले जाता है। इस भजन की यात्रा के अंत में, हम स्वयं को एक नए व्यक्तित्व के रूप में पाते हैं – एक ऐसा व्यक्तित्व जो शिव के गुणों से ओत-प्रोत है। यही इस भजन की सबसे बड़ी सफलता है।

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