लिंगाष्टकम क्या है?
लिंगाष्टकम शिव जी की अर्चना के लिए रचित एक प्रसिद्ध स्तोत्र है। इसे आद्य शंकराचार्य जी ने रचा था। इस स्तोत्र में शिवलिंग की महिमा और महत्व का वर्णन किया गया है। इसे प्रतिदिन प्रातःकाल या संध्या समय पढ़ने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।
लिंगाष्टकम का उद्देश्य – Purpose of Lingashtakam Lyrics
लिंगाष्टकम का उद्देश्य शिवलिंग की पूजा और शिव जी की महिमा का गुणगान करना है। यह स्तोत्र भक्तों को शिव जी के प्रति समर्पण और भक्ति की भावना को प्रकट करने का एक माध्यम है। इसे पढ़ने से भक्तों को मानसिक शांति और आत्मिक शक्ति मिलती है।
लिंगाष्टकम लिरिक्स इन हिंदी – Lingashtakam Lyrics in Hindi
ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगं निर्मलभासित शोषित लिंगम्।
जनमज दुःख विनाशक लिंगं तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम्॥१॥
Meaning of Lingashtakam Lyrics ॥१॥: हे निर्मल और तेजस्वी शिवलिंग! आप जन्म-मरण के दुःखों को नष्ट करने वाले हैं। मैं आपको सदा नमस्कार करता हूँ।
देवमुनि प्रवरार्चित लिंगं कामदहन करुणाकर लिंगम्।
रावणदर्प विनाशन लिंगं तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम्॥२॥
Meaning of Lingashtakam Lyrics ॥२॥: हे देवताओं और ऋषियों द्वारा पूजित शिवलिंग! आप काम (वासना) को भस्म करने वाले और करुणामय हैं। राक्षस रावण के अभिमान को नष्ट करने वाले शिवलिंग को मैं सदा नमन करता हूँ।
सर्वसुगंधि सुलेपित लिंगं बुद्धिविवर्धन कारण लिंगम्।
सिद्धसुरासुरवन्दित लिंगं तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम्॥३॥
Meaning of Lingashtakam Lyrics ॥३॥: हे सर्वोत्तम सुगंधों और लेपों से अलंकृत शिवलिंग! आप बुद्धि को बढ़ाने वाले कारण हैं। सिद्धों, देवताओं और असुरों द्वारा वंदित शिवलिंग को मैं सदा नमस्कार करता हूँ।
कनकमहामणि भूषित लिंगं फणिपतिवेष्टित शोषित लिंगम्।
दक्षस यज्ञ विनाशन लिंगं तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम्॥४॥
Meaning of Lingashtakam Lyrics ॥४॥: हे सुवर्ण और रत्नों से विभूषित शिवलिंग! आप भुजंगराज वासुकि द्वारा सेवित और वेष्टित हैं। दक्ष यज्ञ के विनाश करने वाले शिवलिंग को मैं सदा नमन करता हूँ।
कुंकुमचन्दन लेपित लिंगं पंकजहार सुशोभित लिंगम्।
संचित पाप विनाशन लिंगं तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम्॥५॥
Meaning of Lingashtakam Lyrics ॥५॥: हे केसर और चंदन से लेपित शिवलिंग! आप कमल के हारों से सुशोभित हैं। संचित पापों के विनाशक शिवलिंग को मैं सदा नमस्कार करता हूँ।
देवगणार्चित सेवित लिंगं भावैभक्ति विभावित लिंगम्।
दिनकरकोटि प्रभाकर लिंगं तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम्॥६॥
Meaning of Lingashtakam Lyrics ॥६॥: हे देवगणों द्वारा पूजित और सेवित शिवलिंग! आप भाव और भक्ति से विभावित हैं। करोड़ों सूर्यों के समान तेजस्वी शिवलिंग को मैं सदा नमन करता हूँ।
अष्टदलोपविवेष्टित लिंगं सर्वसमुद्भव कारण लिंगम्।
अष्टदरिद्र विनाशित लिंगं तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम्॥७॥
Meaning of Lingashtakam Lyrics ॥७॥: हे आठ पत्रों से सुशोभित शिवलिंग! आप सभी का मूल कारण हैं। आठों प्रकार की दरिद्रताओं को नष्ट करने वाले शिवलिंग को मैं सदा नमस्कार करता हूँ।
सुरगुरुसुरवर्षित लिंगं सुरवनपुष्प सधाचित लिंगम्।
परात्परं परमात्मक लिंगं तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम्॥८॥
Meaning of Lingashtakam Lyrics ॥८॥: हे देवगुरुओं और देवताओं द्वारा स्तुत किए जाने वाले शिवलिंग! आप देववनों के पुष्पों से सुशोभित हैं। परम शक्ति स्वरूप परमात्मा शिवलिंग को मैं सदा नमस्कार करता हूँ।
लिंगाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेत् शिव सन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥
जो भी व्यक्ति शिव के निकट रहकर इस पुण्य लिंगाष्टक स्तोत्र का पाठ करेगा, वह शिवलोक प्राप्त करेगा और शिव के साथ आनंद का अनुभव करेगा।
लिंगाष्टकम शक्तिशाली है?
हाँ, लिंगाष्टकम बहुत ही शक्तिशाली है। इसे पढ़ने से भक्तों को शिव जी की कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
शिव लिंगम मंत्र के लाभ – Benefits of Reciting Shiv Lingashtakam
शिव लिंगम मंत्र को जपने से कई लाभ होते हैं:
- मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
- शिव जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
निष्कर्ष
लिंगाष्टकम एक शक्तिशाली और पवित्र स्तोत्र है जो शिव जी की महिमा का गुणगान करता है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से भक्तों को शिव जी की कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है। यदि आप शिव जी के सच्चे भक्त हैं, तो आपको इस स्तोत्र का नियमित पाठ अवश्य करना चाहिए।
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