Friday, November 22, 2024
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श्री संपूर्ण हनुमान चालीसा | Shri Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi PDF | Shri Hanuman Chalisa in Hindi

Shri Hanuman Chalisa in Hindi

श्री हनुमान चालीसा एक प्रसिद्ध हिंदू भक्ति गीत है जो भगवान हनुमान की स्तुति में लिखा गया है। इसे गोस्वामी तुलसीदास ने अवधी भाषा में लिखा है। “चालीसा” का अर्थ है चालीस, और इस भक्ति गीत में चालीस छंद (चौपाई) हैं। हनुमान चालीसा का पाठ भक्तों द्वारा भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह माना जाता है कि हनुमान चालीसा का नियमित पाठ जीवन में सभी प्रकार की बाधाओं और कष्टों से मुक्ति दिलाता है।

यहाँ श्री हनुमान चालीसा का पाठ दिया गया है।

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hanuman chalisa lyrics in hindi pdf

Shri Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi

श्री हनुमान चालीसा

दोहा:

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥

चौपाई:

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥

राम दूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुण्डल कुंचित केसा॥

हाथ वज्र औ ध्वजा बिराजै।
काँधे मूँज जनेऊ साजै॥

शंकर सुवन केसरी नंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन॥

विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे।
रामचन्द्र के काज सँवारे॥

लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते।
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा॥

तुम्हरो मन्त्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना॥

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं॥

दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना॥

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हाँक तें काँपै॥

भूत पिशाच निकट नहिं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै॥

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥

संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥

सब पर राम तपस्वी राजा।
तिनके काज सकल तुम साजा॥

और मनोरथ जो कोई लावै।
सोई अमित जीवन फल पावै॥

चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा॥

साधु संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता॥

राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा॥

तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम जनम के दुख बिसरावै॥

अन्त काल रघुबर पुर जाई।
जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई॥

और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेई सर्ब सुख करई॥

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥

जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥

जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई॥

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा॥

दोहा:

पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥

हनुमान चालीसा का पाठ भक्तों को साहस, शक्ति, और भक्ति प्रदान करता है। यह जीवन में आने वाली विभिन्न समस्याओं और संकटों से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है।

हनुमान चालीसा का इतिहास

एक बार मुगल सम्राट अकबर ने गोस्वामी तुलसीदास जी को अपनी सभा में बुलाया और उनसे आग्रह किया कि वे उन्हें भगवान श्रीराम से मिलवाएँ। तुलसीदास जी ने उत्तर दिया कि भगवान श्रीराम केवल अपने भक्तों को ही दर्शन देते हैं। इस उत्तर से नाराज होकर अकबर ने तुलसीदास जी को कारागार में बंद करवा दिया।

कारावास में रहते हुए, तुलसीदास जी ने अवधी भाषा में हनुमान चालीसा की रचना की। जैसे ही हनुमान चालीसा का लेखन कार्य पूरा हुआ, पूरे फतेहपुर सीकरी को बंदरों ने घेर लिया और वहां धावा बोल दिया। अकबर की सेना भी बंदरों का आतंक रोकने में असफल रही। तब अकबर ने अपने मंत्रियों के परामर्श पर तुलसीदास जी को कारागार से मुक्त कर दिया। जैसे ही तुलसीदास जी को मुक्त किया गया, उसी समय बंदर सारा क्षेत्र छोड़कर चले गए।

इस अद्भुत घटना के बाद, गोस्वामी तुलसीदास जी की महिमा दूर-दूर तक फैल गई और वे एक महान संत और कवि के रूप में प्रसिद्ध हो गए। उनकी रचनाएँ, जिनमें रामचरितमानस भी शामिल है, हिंदू धर्म में उच्च मान्यता प्राप्त हैं और विशेष उत्सवों के साथ मनाई जाती हैं।

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हनुमान चालीसा पढ़ने के लाभ (Hanuman Chalisa Padhne Ke Labh)

हनुमान चालीसा का पाठ हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण परंपरा है। यह भगवान हनुमान जी की महिमा का वर्णन करता है, जो भगवान राम के परम भक्त और वीर योद्धा थे। माना जाता है कि नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को कई लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं उन लाभों के बारे में:

  • कष्टों से मुक्ति (Mukti se Kashto): ऐसा माना जाता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन में आने वाली परेशानियों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी को संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है, अर्थात वह संकटों का नाश करने वाले हैं।
  • मनोकामना पूर्ति (Manokamna Poorti): हनुमान जी अपने अडिग भक्ति और सच्चे मन से की गई इच्छाओं को पूरा करने के लिए जाने जाते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और सच्चे मन से की गई मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
  • भक्ति में वृद्धि (Bhakti mein Vridhi): हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति भाव में वृद्धि होती है। पाठ के माध्यम से उनके कारनामों और गुणों को जानकर भक्ति भाव और मजबूत होता है।
  • आत्मविश्वास में वृद्धि (Atmvishwas mein Vridhi): हनुमान जी immense strength and unwavering determination के लिए जाने जाते हैं। उनकी वीरता और दृढ़ संकल्प का वर्णन सुनने से पाठ करने वाले के अंदर भी आत्मविश्वास बढ़ता है और कठिन परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति मिलती है।
  • भय का नाश (Bhay ka Nash): हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन में व्याप्त भय दूर होता है। हनुमान जी को बुरी शक्तियों से रक्षा करने वाला माना जाता है, इसलिए उनका पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भय का नाश होता है।
  • ग्रह-दोषों से रक्षा (Grah-Dosho se Raksha): ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि, राहु, केतु आदि ग्रहों के प्रकोप से रक्षा मिलती है।
  • परिवार में सुख-शांति (Parivaar mein Sukh-Shanti): ऐसा माना जाता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। हनुमान जी को एक आदर्श पुत्र और भक्त के रूप में भी जाना जाता है, इसलिए उनका पाठ करने से घर में भी सौहार्द का वातावरण बनता है।

ध्यान दें: इन लाभों को प्राप्त करने के लिए श्रद्धापूर्वक और नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना ज़रूरी होता है।

हनुमान चालीसा कब पढ़ें? (Hanuman Chalisa Kab Padhen?)

हनुमान चालीसा भगवान हनुमान जी की महिमा का गुणगान करने वाली एक लोकप्रिय हिंदू स्तुति है। आप इसे किसी भी समय श्रद्धा और भक्तिभाव से पढ़ सकते हैं। हालांकि, कुछ खास दिन और समय होते हैं, जब हनुमान चालीसा का पाठ करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

यहां कुछ ऐसे समय बताए गए हैं, जब आप हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं:

  • मंगलवार (Mangalwar): मंगलवार भगवान हनुमान जी का दिन माना जाता है। इसलिए, इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
  • शनिवार (Shanivar): शनिवार का दिन भी हनुमान जी को समर्पित होता है। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनिदेव के प्रकोप से रक्षा मिलती है, ऐसा माना जाता है।
  • पूर्णिमा (Purnima): पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्णता में होता है, जो सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। इसलिए, इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना भी शुभ माना जाता है।
  • संकट के समय (Sankat ke Samay): जीवन में किसी भी प्रकार का संकट आने पर आप हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे भगवान हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और कठिनाइयों से पार पाने में सहायता मिलती है।
  • सुबह उठकर (Subah Uthkar): आप सुबह उठकर स्नान करने के बाद शुद्ध मन से हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। इससे पूरे दिन सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
  • शाम के समय ( शाम ke Samay): आप शाम के समय भी हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। इससे दिनभर की थकान दूर होती है और मन को शांति मिलती है।

ध्यान दें (Dhyan De): उपरोक्त समय सुझाव मात्र हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी समय हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप इसे श्रद्धा और भक्तिभाव से पढ़ें।

क्या लड़कियां हनुमान चालीसा पढ़ सकती हैं? (Kya Ladkiyan Hanuman Chalisa Padh Sakti Hain?)

हां, लड़कियां हनुमान चालीसा पढ़ सकती हैं। हिंदू धर्म में किसी भी लिंग, जाति, या उम्र के व्यक्ति के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना वर्जित नहीं है। हनुमान जी सभी के भक्तों की रक्षा करते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं, चाहे वे पुरुष हों या महिला।

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