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राम को देख कर श्री जनक नंदिनी लिरिक्स
भारतीय संस्कृति में श्री राम और माता सीता की कथा अनंत है। इनकी पावन प्रेम कहानी, त्याग और समर्पण की मिसाल के रूप में सदियों से हमारे दिलों में बसी हुई है। आज हम इस ब्लॉग में श्री राम और माता सीता की महिमा का गुणगान करेंगे और “राम को देख कर श्री जनक नंदिनी” के लिरिक्स पर चर्चा करेंगे।
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी,
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी….
थे जनकपुर गये देखने के लिए,
सारी सखियाँ झरोकान से झाँकन लगी,
देखते ही नजर मिल गयी दोनों की,
जो जहाँ थी खड़ी की खड़ी रह गयी….
बोली है एक सखी राम को देखकर,
रच दिए है विधाता ने जोड़ी सुघर,
पर धनुष कैसे तोड़ेंगे वारे कुंवर,
सब में शंका बनी की बनी रह गयी….
बोली दूजी सखी छोटन देखन में है,
पर चमत्कार इनका नहीं जानती,
एक ही बाण में ताड़िका राक्षसी,
उठ सकी ना पड़ी की पड़ी रह गयी….
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी,
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी….
श्री राम और सीता का मिलन
श्री राम और माता सीता का मिलन हमारे पौराणिक ग्रंथों में अद्वितीय स्थान रखता है। श्री राम के वनवास के समय सीता का श्री राम के साथ वन में जाना उनके अटूट प्रेम और समर्पण को दर्शाता है। इस प्रेम को दर्शाने वाले कई भजन और गीत रचे गए हैं, जिनमें “राम को देख कर श्री जनक नंदिनी” एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
भजन की महिमा
“राम को देख कर श्री जनक नंदिनी” भजन हमें यह सिखाता है कि सच्चा प्रेम और भक्ति कैसी होनी चाहिए। यह भजन हमें श्री राम और सीता के आदर्श जीवन का अनुसरण करने की प्रेरणा देता है। उनके प्रेम और समर्पण की कथा सुनकर हर भक्त का हृदय भक्ति और प्रेम से भर जाता है।
श्री राम और सीता के प्रेम की गाथा
श्री राम और सीता का प्रेम हमें यह सिखाता है कि सच्चा प्रेम वह है जो त्याग और समर्पण से परिपूर्ण हो। रामायण में वर्णित यह कथा हमें यह समझाती है कि प्रेम में एक-दूसरे के प्रति सम्मान और समर्पण कितना महत्वपूर्ण होता है। यह भजन इसी प्रेम की महिमा का वर्णन करता है।
भजन के माध्यम से भक्ति
भजन के माध्यम से हम भगवान की महिमा का गुणगान कर सकते हैं। “राम को देख कर श्री जनक नंदिनी” जैसे भजन हमारे दिलों में भगवान के प्रति प्रेम और भक्ति की भावना को जागृत करते हैं। यह भजन हमें भगवान श्री राम और माता सीता के दिव्य प्रेम का अनुभव कराता है और हमारे जीवन में सकारात्मकता और शांति लाता है।
श्री राम और सीता की भक्ति का महत्व
श्री राम और माता सीता की भक्ति का महत्व अद्वितीय है। उनकी भक्ति हमें जीवन में त्याग, समर्पण और सच्चे प्रेम का महत्व सिखाती है। “राम को देख कर श्री जनक नंदिनी” भजन हमें यह याद दिलाता है कि सच्ची भक्ति और प्रेम हमें भगवान के समीप लाते हैं।
भजन का प्रभाव
इस भजन का प्रभाव हमारे जीवन पर गहरा होता है। यह भजन हमें श्री राम और माता सीता के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित करता है। उनके जीवन की शिक्षाओं को अपनाकर हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं और भगवान की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
भक्ति संगीत का महत्व
भक्ति संगीत हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति लाता है। “राम को देख कर श्री जनक नंदिनी” जैसे भजन हमारे दिलों में भगवान के प्रति प्रेम और भक्ति की भावना को जगाते हैं। यह भजन हमें हमारे जीवन के उद्देश्य की याद दिलाता है और हमें भगवान की भक्ति में लीन रहने के लिए प्रेरित करता है।
निष्कर्ष
“राम को देख कर श्री जनक नंदिनी” भजन हमें श्री राम और माता सीता के दिव्य प्रेम और भक्ति का अनुभव कराता है। यह भजन हमें उनके आदर्श जीवन से प्रेरणा लेने और उनके मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उनकी भक्ति में लीन होकर हम अपने जीवन को सुखमय और सफल बना सकते हैं।